Here I come :)

Wednesday, April 10, 2013

Wo Aawaz!!!


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एक परवाज़ दिखाई दी है,
तेरी आवाज़ सुनाई दी है!

जिस की आँखों में कति थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है !

सिर्फ एक सफह पलट क्र उस ने
बीती बातों की सफाई दी है !

फिर वहीं लौट की जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है !

आग ने क्या क्या जलाया है शव पर
कितनी खुश-रंग दिखाई दी है !!!!!
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